समझदारों ने समाज बना डाला नियम कानून रीति रिवाज़ लिख डाला नियुक्ति की पंडितों मौलवियों और पादरियों की इन सबको धर्म का ठेकेदार बना डाला बिना डिग्री बिना क्वालिफिकेशन बिना वोट का ये इलेक्शन वाह रे वाह अद्धभुत सेलेकेशन बिना इंसान और इंसानियत के कैसा धर्म और कैसा समाज बात बात पे करते क्यों हो इतना विवाद