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Showing posts from July 26, 2022
Short Story  "वशीकरण"  इंतज़ार करते-करते विभा का आत्म विभोर हो जाता। सहर से संध्या और रात्रि कैसे, कब, क्यूँ बीत जाती ध्यान ही नहीं रहता। मोक्ष, मुक्ति, मोह और आत्म निरीक्षण सब के सब सिर्फ़ एक ही नाम का जाप विभा। विभा का अर्थ किरण होता है और मेरी चमकती दहकती किरण का कारण भी यही थी। सुंदर, गेहुआ रंग, छोटी क़द काठी, रेशम से केसु, रूखसार पर हँसी के बुलबुले उमड़ते सदैव, नैन मृगनैनि जिनसे नज़रें मिले तो आप उन्माद में चलें जाए। अखियंन में कजरा लगाए वो ठुमक-ठुमक आती और बग़ल से गुज़रती हुई जब निकलती तो मन में मृगदंग बजने लगता,  मृगतृष्णा हो जाती। जितनी दूर वो जाती साँसों में तल्ख़ी और गले में चुभन होती। जीवन जैसे आरम्भ और अंतिम छण तक पहुँच जाता उसके आगमन और पलायन से। प्रेम की परिभाषा और उसका विवरण विभा। मेरे अंतर ध्यान के मार्ग की मार्ग दर्शक, वो यात्रा जिसका कोई पड़ाव या मंज़िल ना हो। भोर होती ही उसके घर की चोखट पर मेरी नज़रें नतमस्तक होतीं, ध्यान की लग्न जागती, मन की तरंगे उज्वलित उसके दर्शन से होतीं। उसके आगे पीछे, दाएँ बाएँ, दूर क़रीब, हर स्थान पर मैं ख़ुद को पाता।  मेरी आशिक़ी क