ScreenPlay Writer | Author | Lyricist in Bollywood
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उसकी आँखें आज कल
उसकीआँखेंआजकलउर्दूमेंबातकरतीहैं...
अदायगीभीहैशायराना , ख़ूबसूरतलहजाभी ..
"मगर "
कमबख़्तसमझहमेकुछनहींआता !!!
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Short Story "पुश्तैनी हवेली" पुश्तैनी हवेली जिसके हर कोने पे कायी जमी पड़ी है। दरों दीवारों पे उम्मीद की दरारें हैं । धुँधली रोशनी के साये और छांव के निशाँ हैं। परछाइयों के पैरों के साएँ , आहटों के शोर हैं । सन्नाटों का कोहरा एकांत में शांत बुत बना खड़ा है। रात का बिस्तर सिकुड़ कर जमी पे पड़ा है । बरसात की बूँदो के आँसू रोते-रोते निहार रहे हैं। हर इक दरवाज़ों पे रिश्तों की हथेलियों की थपथपाहटे हैं । मेरी नानी माँ की पुश्तैनी हवेली ऐसे ही खड़ी है। बचपन में लड़खड़ाते क़दम और तोतली ज़बान में गिरते पड़ते, दौड़ते हुए नानी की बाहों से लिपट जाते। माँ की गोद से भी ज़्यादा प्यारी नानी माँ की बाहें। उनके आगे पीछे बस घूमते रहो दिनभर। नानी माँ के सुख दुःख के कारण उनके नाती और नतनी। आँख और जिगर के टुकड़े। जैसे-जैसे हम बड़े हुए नानी माँ बुज़ुर्ग होती गयी जिसका एहसास मुझे तब हुआ जब वो अपने अ...
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