धूप मेरी माँ की फटकार लगे है
धुल उसकी थपथपी। ...
खेत के कंकड़ बापू के ताने
बैल की हिनहिनाहट ताऊ के गाने। ...
रोज़ मैं जीऊं मौज़ में जाऊं
रोटी प्याज खा के और ने सुख देउँ ...
अन्न जीवन स्त्रोत है और अन्न पैदा करने वाला कौन है
कद्र न करते तुम जो छावं में सांस भरते
कभी तुम भी माँ की फटकार धुल की थपथपी और बापू के ताने और ताऊ के गाने सुनने खेतों में आओ !!!
chichi
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